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खेत का गीत / पवन करण
Kavita Kosh से
बेचो खेत बेचो खेत
बिल्डर कह रहे बेचो खेत
खेत खल्हानी बहुत है गर्इ
बिजली पानी बहुत है गर्इ
भुस और सानी बहुत है गर्इ
गाँव-किसानी बहुत है गर्इ
काए नहीं तुम पैसा लेत
बिल्डर कह रहे बेचो खेत
खेत बेचकर मोटर लाओ
बापे अपनो नाम लिखाओ
नेता को झण्डा लटकाओ
रात-दिना फिर वाए घुमाओ
काए नहीं तुम कागद देत
बिल्डर कह रहे बेचो खेत
जमा बैंक में पैसा राखो
ले ओ ब्याज हज़ारों-लाखो
दिन भर बैठे गप्पें हाकों
जाए देखो वाए ताको
बुझो बुझो तूं जल्दी चेत
बिल्डर कह रहे बेचो खेत