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खोज / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
वह जो वीरानी
खिला रहा था
पात-पात में
हो गया है उसी में लय
भटकती अब
खुद ही को खोजती है
उसे भजती हुई वीरानी
(1988)