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गऊवा के पीपर बुलावे / सुभाष चंद "रसिया"

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तोहरा के गऊवा के पीपर बुलावे।
आजा-आजा बलम जी परदेसिया॥

तोहरा के हमरा अचरवा बुलावे।
पेड़वा से कोयलिया गीतिया सुनावे॥
नीले अम्बर में लाहरेले केसिया॥
आजा-आजा बलम जी परदेसिया॥

सावन के झूला ना हमसे सहाला।
रउरा सजन जी कुछ ना बुझाला।
चिट्ठी भेजतानी हम अन्तर्देशिया॥
आजा-अजा बलम जी परदेसिया॥

तीज त्यौहार छठ कईसे मनाई।
अपनी सजनवा के कैसे भुलाई।
काहे हमके सतावेल रंग रसिया॥
आजा-आजा बलम जी परदेसिया॥