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गड्डा / सरोज परमार
Kavita Kosh से
१.
चिकनी-सी सड़क बीच गड्ढा
पीठ का कूबड़
संसद में जूता-चप्पल
एक-सा बदनुमा.
२.
सड़क का गड्ढा
गड्ढे में जल
जल में थम गया है
बादल का टुकड़ा
नीला आकाश
हिल रही हैं चलती हुई टाँगें
और पंछियों की उड़ान .