आलू की पकौड़ी, दही के बड़े,
मुन्नी की चुन्नी में तारे जड़े।
मँूग की मँगौड़ी, कलमी बड़े,
मंगू की छत पर दो बंदर लड़े।
खस्ता कचौड़ी, काँजी के बड़े,
गप्पू जी फिसले तो औंधे पड़े!
आलू की पकौड़ी, दही के बड़े,
मुन्नी की चुन्नी में तारे जड़े।
मँूग की मँगौड़ी, कलमी बड़े,
मंगू की छत पर दो बंदर लड़े।
खस्ता कचौड़ी, काँजी के बड़े,
गप्पू जी फिसले तो औंधे पड़े!