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गर कभी पूछे वो तुमसे / निधि सक्सेना
Kavita Kosh से
गर कभी पूछे वो तुमसे
मुझसे इतना प्रेम क्यों है
तो कारण मत गिनाना
कि तुम बहुत खूबसूरत हो
आकर्षक हो
मनमोहक आँखें हैं
समझदार हो
खाना स्वादिष्ट पकाती हो
मुझे समझती हो
अच्छी माँ हो
सुगढ़ हो
सबसे अलहदा हो
वगैरह वगैरह
मत जताना कि प्रेम गुणों का मोहताज़ है
या कि प्रेम के लिए कारण अवश्यम्भावी हैं
या किन्ही शर्तों से बँधा है
या प्रेम के लिए सबसे अलहदा होना जरुरी है
बस यही कहना
अकारण अबूझ प्रेम है तुमसे
बस है इसलिए है.