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गलफर में जहर / 20 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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चौवन्नी नें
रुपया सें कहलकै-
भले ऊ
गांव-शहर सें
दूर होय गेलै
मुदा आय भी नेता
ओकरा सहेज केॅ रखने छै,
ओकरा कुछ कहो
ऊ बात-बात पर
चौवन्नी ही मुस्कावै छै।
अनुवाद:
चौवन्नी नें
रुपये से कहा-
भले वह
गांव-शहर से
दूर हो गयी
किन्तु
आज भी नेता
उसे सहेज कर
रखे हुए हैं,
उन्हें कुछ भी कहो
वे बात-बात पर
चौवन्नी मुस्कान ही छोड़ते हैं।