भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गलफर में जहर / 7 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
गधे के झुण्ड में
नेता का सम्बोधन सुनी केॅ
गधा ने कहलकै ओकरा सें
ओकर गुण तेॅ लेलौ नै
अपन गुण किये दियै ऐलौ।
अनुवाद:
गधों की भीड़ में
नेता का सम्बोधन सुनकर
गधे ने कहा, उनसे
उनका गुण तो ले नहीं पाए
अपना गुण क्यों देने आ गए।