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गळगचिया (23) / कन्हैया लाल सेठिया
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चमकीली हीरो धूळ में पड़'र आँधो हुग्यो। गुदमैलो बीज धूळ में पड़ र आँख्याँ खोल र उपरां आ ग्यो।