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गाम तै चाल चन्द्र शेखर / रणवीर सिंह दहिया

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गांव के हालात काफी खराब थे। चन्द्रशेखर का परिवार भी आर्थिक स्तर पर कमजोर था। चन्द्रशेखर गांव से चलकर शहर में आ जाता है और छोटा-मोटा काम ढूंढ लेता है। एक कमरा रहने वाले कई। क्या बताया भला:

तर्ज: चौकलिया
गाम तै चाल चन्द्र शेखर शहर कै मैं आया फेर॥
छोटा मोटा काम मिल्या रैहण का जुगाड़ बनाया फेर॥

एक कमरे मैं कई रहवैं मुश्किल सोना होज्या था
आधी बारियां भूखे प्यासे भीतरला सबका रोज्या था
आजाद देखकै हालत नै वो अपणा आप्पा खोज्या था
बीड़ी पी पी कै धुमा भरज्या कौन नींद चैन की सोज्या था
देख हालत मित्रा प्यारयां की आजाद दुख पाया फेर॥
दिल मैं सोची शहर मैं खामखा आकै ज्यान फंसाई
उल्टा जांगा गाम मैं तो कसूती होवैगी जग हंसाई
आड़े क्यूकर रहूं घुट कै कोन्या बात समझ मैं आई
तिरूं डूबूं जी होग्या उसका हुई मन तै खूब लड़ाई
न्यों तो बात बणैगी क्यूकर उसनै दिल समझाया फेर॥
गरीबी के के काम करवादे इसका बेरा पाट गया
फिरंगी की लूट का अहसास उंका कालजा चाट गया
सोच सोच इन बातां नै वो दिल अपणे नै डाट गया
जी हजूरी उनकी करने तै आजाद जमा नाट गया
क्रान्ति का झन्डा आजाद नै पूरे मन तै ठाया फेर॥
भगतसिंह राजगुरु तै उसनै तार भिड़ाये फेर
सुखदेव शिव वर्मा हर बी उनकी गेल्यां आये फेर
कई महिला साथ आई इन्कलाब के नारे लाये फेर
जनून छाया सबमैं घणा मुड़कै नहीं लखाये फेर
रणबीर मरने तक उसनै था वचन निभाया फेर॥