भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गाय / शेरजंग गर्ग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कितनी भोली, कितनी प्यारी,
सब पशुओं में न्यारी गाय,
सारा दूध हमें दे देती,
आओ इसे पिला दें चाय!