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गीत / अर्जुन ‘शाद’

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भेॼ भिनी घरि आई प्यारी
भेॼ भिनीअ घरि आई!

1.
नेण नशे में, मुरिक चपनि ते
प्यारी भरे ॻाढ़ाणि ॻिलन ते
हाइ अलबेली
नारि नेवली
ॾाढी थी शरमाए प्यारी
भेॼ भिनीअ घरि आई!

2.
मिठिड़ा ॿोल पखीअड़नि ॿोलिया
वण वण साज़ सुरीला खोलिया
हीर ख़ुमारी
जादूअ वारी
पन पन ॾे वाधाई-प्यारी
भेज भिनीअ घरि आई!

(1942)