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गीतावली अयोध्याकाण्ड पद 36 से 50/पृष्ठ 4
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आली री पथिक जे एहि पथ परौं सिधाए |
ते तौ राम-लषन अवधतें आए ||
सङ्ग सिय सब अंग सहज सोहाए |
रति-काम-ऋतुपति कोटिक लजाए ||
राजा दसरथ, रानी कौसिला जाए |
कैकेयी कुचाल करि कानन पठाए ||
बचन कुभामिनीके भूपहि क्यों भाए
हाय हाय राय बाम बिधि भरमाए ||
कुलगुर सचिव काहू न समुझाए |
काँच-मनि लै अमोल मानिक गवाँए ||
भाग मग-लोगनिके, देखन जे पाए |
तुलसी सहित जिन गुन-गन गाए ||