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गुल्लू का कम्प्यूटर / प्रदीप शुक्ल
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गुल्लू का कम्प्यूटर आया
पूरा गाँव देख मुस्काया
दादी के चेहरे पर लाली
ले आई पूजा की थाली
गुल्लू सबको बता रहा है
लाईट कनेक्शन सता रहा है
माउस उठा कर छुटकू भागा
अभी-अभी था नींद से जागा
अंकल ने सब तार लगाए
गुल्लू को कुछ समझ न आए
कम्प्यूटर तो हो गया चालू
न ! स्क्रीन छुओ मत शालू
जिसे खोजना हो अब तुमको
गूगल में डालो तुम उसको
कक्का कहें चबाकर लईय्या
मेरी भैंस खोज दो भैय्या
बड़े ज़ोर का लगा ठहाका
खिसियाए से बैठे काका !!