गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी / निमाड़ी
पूजा शुरु करने के पहले -
गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी,
बाहर ऊबी थारी पूजन वाली,
पूजो ए पुजावो सँइयो काँई-काँई माँगा,
माँगा ए म्हेँ अन-धन लाछर लिछमी जलहर जामी बाबुल माँगा,
राताँ देई माँयड,
कान्ह कँवर सो बीरो माँगा,
राई (रुक्मणी) सी भौजाई,
ऊँट चढ्यो बहनोई माँगा,
चूनडवाली बहना,
पून पिछोकड फूफो माँगा,
माँडा पोवण भूवा,
लाल दुमाल चाचो माँगा,
चुडला वाली चाची,
बिणजारो सो मामो माँगा,
बिणजारी सी मामी,
इतरो तो देई माता गोरजा ए,
इतरो सो परिवार,
दे ई तो पीयर सासरौ ए,
सात भायाँ री जोड परण्याँ तो देई माता पातळा (पति) ए,
साराँ मेँ सिरदार
पूजा शुरु करते हैँ -
ऊँचो चँवरो चौकुटो,
जल जमना रो नीर मँगावो जी,
जठे ईसरदासजी सापड्या (विराजे हैँ),
बहू गोराँ ने गोर पुजावो जी,
जठे कानीरामजी सापड्या बहु लाडल ने गोर पुजावो जी,
जठे सूरजमलजी सापड्या,
बाई रोवाँ ने गोर पुजावो जी,
गोर पूजंता यूँ कैवे सायब या जोडी इभ् छल (इसी तरह) राखो जी,
या जोडी इभ् छल राखो जी म्हारा चुडला रो सरव सोहागो जी,
या जोडी इभ छल राखो जी म्हारै चुडला रे राखी बाँधो जी।
दूब के साथ 8 बार पूजा करते हैँ -
गोर-गोर गोमती,
ईसर पूजूँ पार्वतीजी,
पार्वती का आला-गीला,
गोर का सोना का टीका,
टीका दे,
टमका दे राणी,
बरत करे गोराँदे रानी,
करता-करता आस आयो,
मास आयो,
खेरे खाण्डे लाडू आयो,
लाडू ले बीरा ने दियो,
बीरो ले गटकाय ग्यो,
चूँदडी ओढाय ग्यो,
चूँदड म्हारी इब छल,
बीरो म्हारो अम्मर,
राण्याँ पूजे राज मेँ,
म्हेँ म्हाँका सवाग मेँ,
राण्याँ ने राज-पाट द्यो,
म्हाँने अमर सवाग द्यो,
राण्याँ को राज-पाट तपतो जाय,
म्हारो सरब सवाग बढतो जाय ओल-जोल गेहूँ साठ,
गौर बसे फूलाँ कै बास,
म्हेँ बसाँ बाण्याँ कै बासकीडी-कीडी कोडूल्यो,
कीडी थारी जात है,
जात है गुजरात हैसाडी मेँ सिँघाडा,
बाडी मेँ बिजौराईसर-गोरजा,
दोन्यूँ जोडा,
जोड्या जिमाया,
जोड जँवारा,
गेहूँ क्यारागणमण सोला,
गणमण बीस,
आ ए गौर कराँ पच्चीस
टीकी -
आ टीकी बहू गोराँदे ने सोवै,
तो ईसरदासजी बैठ घडावै ओ टीकी,
रमाक झमाँ,
टीकी,
पानाँ क फूलाँ टीकी,
हरयो नगीनो एआ टीकी बाई रोयणदे ने सोवै,
तो सूरजमलजी बैठ घडावै ओ टीकी,
रमाक झमाँ,
टीकी,
पानाँ क फूलाँ टीकी,
हरयो नगीनो एआ टीकी बहू ने सोवै,
तो बेटा बैठ घडावै ओ टीकी,
रमाक झमाँ,
टीकी,
पानाँ क फूलाँ टीकी,
हरयो नगीनो ऐ।