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ग्लेनफिडिच / ज्योत्स्ना मिश्रा
Kavita Kosh से
उसने मेरी कमर पर
हाथ रखा,
और कहा
मैं तुम्हारी रूह से प्यार करता हूँ
चेहरे से नहीं
फिर जैसे बेखयाल होकर
हाथ ऊपर को बढ़ाया
और कहा,
तुमसे
वर्जिनिया वूल्फ की-सी महक आती है
और ये भी कहा
उसे बहुत पसंद हैं
फेमिनिस्ट औरतें!
माया एंजेलो उसे उत्तेजित करती है
और मैं भी।
उसने ब्रेख्त की कविता पढ़ी
कहा विश्व एक कम्यून है
और मेरे कन्धों की गोलाई के साथ
पूरा आवर्त घूम गया
फिर बताया कि
कितनी पीली होती है सरसों
और कितना मादक महुआ!
मजदूर का पसीना!
जमीन की खुशबू!
और क्यों वाजिब है
आदिवासी गुस्सा
गरीब की शिकायत
फिर अलमारी से एक
खूबसूरत ग्लास निकालते हुए कहा
ग्लेनफिडिच एक सिंगल मार्ट ह्विस्की है!