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घर / जया झा
Kavita Kosh से
तिनके जोड़ लोगो को
घर बनाते देखा है।
बाढ़ में बहते हुए
घर को बचाते देखा है।
गिरते हुए घर को
मज़बूत कराते देखा है।
शायद कभी गुस्से में
घर को जलाते देखा है।
पर कभी गिराने के लिए
अपने ही हाथों से, किसी को
घर सजाते देखा है?