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घर कितना बड़ा हो / शिवांगी गोयल
Kavita Kosh से
मैंने आँसू पोंछ कर कहा था
"घर इतना बड़ा तो होना चाहिए
कि रोने के लिए एक कोना मिल सके"
तुमने मुझे गले लगाते हुए कहा था
"घर कभी इतना बड़ा नहीं होना चाहिए
कि तुम अकेली रोती रहो और मुझे पता ना चले!"