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घर वही / चंद्र रेखा ढडवाल
Kavita Kosh से
घर वही
जो उसका
परिजन वही
जो उसके
दायित्व वही महत्वपूर्ण
जो निभाए उसने
शौक़ वही अच्छे
जो पाले उसने
दिन वही
जो देखा उसने
रात वही
जो जी उसने
. . . .
जीवन दो
जमा दो का
बड़ा सीधा और
पारदर्शी गणित
पुरुष के लिए