घर वापसी / हाइनरिष हायने / अनिल जनविजय
मौत की गोद में जा रहे हैं क़बीले
बीत रहे हैं तेज़ी से गुज़र रहे हैं साल
कोई छीन नहीं सकता दिन प्रेम के नशीले
कसमसाएँ दिल में जो करते हैं धमाल
सिर्फ़ एक बार देखना चाहता हूँ तुझे
झुकना चाहता हूँ क़दमों में तेरे, सरेआम
कहना चाहता हूँ मरने से पहले यह तुझे
प्रेम करता हूँ मैं आपको, मदाम !
रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय
रूसी भाषा में इसका अनुवाद कवि अलिकसान्दर ब्लोक ने किया है
Генрих Гейне
Племена уходят в могилу
Племена уходят в могилу,
Идут, проходят года,
И только любовь не вырвать
Из сердца никогда.
Только раз бы тебя мне увидеть,
Склониться к твоим ногам,
Сказать тебе, умирая:
Я вас люблю, madame!
लीजिए, अब मूल जर्मन भाषा में यही कविता पढ़िए
Heinrich Heine: Buch der Lieder
Die Heimkehr
Die Jahre kommen und gehen,
Geschlechter steigen ins Grab,
Doch nimmer vergeht die Liebe,
Die ich im Herzen hab.
Nur einmal noch möcht ich dich sehen
Und sinken vor dir aufs Knie,
Und sterbend zu dir sprechen:
Madame, ich liebe Sie!