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घरो में चोरबा पैसवे करतै / छोटे लाल मंडल

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घरों में चोरबा पैसवे करतै
कौवनें हेकरा मनाहीं करतै,
सिंही पै गीतवा गावी गावी के
डंटा बेड़ी पीन्हैवै करतै।

हिन्न्हैं भागो की हुन्हें भागो
यम्में खीची के लैइयै जैतै,
मुगदर मार सहै ले पड़तै
माय वाप रिरयैवै करतै।

करनी के फल पैइवें करतै
चिता आगी में जरबै करतै,
हांथवा गोड़वा तोड़ी के छोड़तै
हंसा राम भटकतें रहतै।

पूड़ी जिलेवी चाभी चाभी के
पंडितों भी जोर लगैवै करतै,
कुल परिवारें भोग लगाय के
करता के घर खाली करतै।

मतर काम नैं अैइतै कहियों,
मरलों पै सिज्जत पैवै करतै,
पुरोहित के घर पलंग विछौना
होकरो वुतरू सुखै से सुततै।

यस करनी तस भोग मिलैछै
वेदो संतों के बचन यहे छै,
धरम करम के सही मार्ग पर,
चलकर मनुवां सुखी रहै छै।