भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घायल घाटी / निदा नवाज़

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज घाटी के लोगों ने
अपनी माँ को
अमृत पिलाया
कि अम्र हो जाए
मैया
किन्तु अमृत में
विष मिला था
घाटी का कण-कण
हो गया क्षत-विक्षत
और घायल घाटी का
सारा शरीर हो गया
विष सागर।