मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
घूमू-घूमू महादेव आजु वेदी हे
एक नागरि जे नाक धयने
एक लगौने गराती हे
चारू कोना चारि कर बैसाओल
घूमि-घूमि ताहि पर बैसू हे
तीन बेर जे घूमि लेब दुलहा
पहिरि लिअ विधिक धोती हे
भनहि विद्यापति सुनू मनाइनि
गौरी ब्याहन आयल योगी हे