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घोंसला / फुलवारी / रंजना वर्मा

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एक घोंसला है आले में
बिस्तर जहाँ बिछा नानी का।
मम्मी ने हम को बतलाया
यह घर है चिड़िया रानी का॥
इस में है वह अंडे देती
रात दिवस फिर उनको सेती।
चुग्गा अगर चिड़ा ले आता
बड़े प्रेम से है ले लेती॥
अंडों से बच्चे निकलेंगे
नन्हे नन्हे प्यारे प्यारे।
पंख निकल आयेंगे उनके
बन जायेंगे चिड़िया सारे॥