भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चकरी / लैंग्स्टन ह्यूज़ / कात्यायनी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कहॉं है कलूटों के लिए
अलग हिस्सा
इस चकरी पर,
महाशय, क्योंकि मैं इसपर चढ़ना चाहता हूँ ?

सुदूर दक्खिन में
जहॉं का मैं हूँ
गोरे और काले लोग
अगल-बगल नहीं बैठ सकते ।

सुदूर दक्खिन में
रेलगाड़ी पर
कलूटे का अलग डब्बा होता है।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : कात्यायनी