भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चने / रविकान्त

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कहो तुम्हें क्या लगता है,
अपने किए में
अब तक का
सबसे अच्छा काम?
उन्होंने पूछा

एक बड़े से झोले में
हाथ डालने पर
कुछ देर शांति रही
टटोलने पर
कुछ चने के दाने
मेरे हाथ आए

दो-चार मैंने चखे
चार-छह उन्होंने चबाए

पता नहीं
उन्हें ठंडे चने पसंद हैं या गर्म?

जबकि
मेरी भूख खुल गई थी
उन्होंने कहा -
आओ थोड़ा टहल आएँ