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चयन / निधि अग्रवाल
Kavita Kosh से
किसी की नज़रें तुम्हारी ओर उठने से,
तुम दोषी नहीं हो जाती।
अपनी नज़रें झुका लेना
आत्मसम्मान के प्रति दोष है।
(बेझिझक चलो, बिन पंख उड़ो)
तुम्हारे छोटे कपड़े,
तुम्हारा चरित्र नहीं दर्शाते।
उनकी छोटी मानसिकता,
उनका चरित्र दर्शाती है।
(देह नहीं गुण पर विमर्श करो)
रात होने पर सड़कें,
लड़कियों के लिए असुरक्षित नहीं होतीं...
रात में सड़कों पर,
लड़कियों के न निकलने से...
सड़कें असुरक्षित हो जाती हैं।
(बेटोक बेखौफ घूमो)
बिना पेट्रोल के स्टोव से,
जल जाती हैं लड़कियाँ।
माचिस कोई स्त्री पकड़ाती है।
(पुरुष नहीं स्त्री का पक्ष चुनो)