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चल रोड़ दें / दिनेश शर्मा
Kavita Kosh से
चल रोड दें
अब तोड़ दें
हर रार को
हम छोड़ दें
अभिमान को
झकझोड़ दें
गर हार हो
तो होड़ दें
नग राह के
सब फोड़ दें
पग राम के
मन जोड़ दें
पथ को नया
इक मोड़ दें