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चश्मे का नम्बर / नूपुर अशोक
Kavita Kosh से
मत बदलना मेरे चश्मे का नंबर।
मुझे नहीं देखनी बदलती हुई झुर्रियाँ।
मत देना मुझे हीयरिंग एड।
मुझे नहीं सुनना वो
जिसे न सुनना ही बेहतर हो।
झुकने देना मेरी कमर।
जब दुनिया अकड़ कर चलने लगे तो
मेरा झुक जाना ही बेहतर है।
जब ज़माने की रफ़्तार
हो जाये मुझसे तेज़
और फूलने लगे मेरा दम
तो मत जोड़ना मेरी साँसे।
समय के साथ
धीरे-धीरे होने देना मुझे शिथिल,
समेटने देना मुझे मुझ को,
शुरू होने वाला है मेरा अगला सफ़र,
मत बदलना मेरे चश्मे का नंबर।