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चाल रे चाल / हरीश भादानी
Kavita Kosh से
चाल रे चाल
गांव रा करसा चाल....चाल
सैराती चाल
धर मजलां, धर कूंचां चाल
धर कूंचां, धर मजलां चाल
ले आ पाटी
ओ लै कागद
बरतौ थाम,क
ले लै कलम दवात
आखर मांड
आखर मांड मांडतौ बोल
बोल बोलतौ
आखर जोड़
आखर-आखर सबद रचातौ
रचियोड़ै सबदा रो अरथ बांचती
चारूंमेर सुणातौ
धर मजलां, धर कूंचां चाल
धर कूंचां,धर मजलां चाल
चाल रे चाल
गांव रा करसा चाल...चाल
सैराती चाल
अरथां में
उगटै उजास
ओ उजास
आंख्यां आंज
आंज आंजतौ
बाळ अंधारो
कळमस बाळै
चारूंमेर
हियै आंख्यां में
कियां चानणौ
धर मजलां, धर कूंचा चाल
चाल रे चाल
गांव रा करसा..चाल...चाल
सैराती चाल