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चालो मन गंगा जमुना तीर / मीराबाई
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राग सूहा
चालो मन गंगा जमुना तीर।
गंगा जमुना निरमल पाणी सीतल होत सरीर।
बंसी बजावत गावत कान्हो, संग लियो बलबीर॥
मोर मुगट पीताम्बर सोहे कुण्डल झलकत हीर।
मीराके प्रभु गिरधर नागर चरण कंवल पर सीर॥
शब्दार्थ :- कान्हो =कन्हैया। बलबीर =कृष्ण के बड़े भाई बलराम। झलकत =जगमगाते हैं। सीर = सिर।