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चिन्ता / मुकेश प्रत्यूष
Kavita Kosh से
कल ठीक यहीं पहंचे थे हम
-साथ-साथ चलते हुए
कल ठीक वहीं से शुरू किया था हमने चलना
जहां से चले हैं आज
क्या कल भी पहुंचना होगा हमें
-ठीक यहीं
ठीक वहीं से चलते हुए.