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छत्तीसगढ़ महतारी / द्वारिका प्रसाद तिवारी 'विप्र'
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तोला वंदब वो छत्तीसगढ़ महतारी
तोर माटी मां जनम लिहेंव मैं तै मोर परम पियारी
इंहे रतनपुर - शबरी नरायेन, पीथमपुर वेलपान ।
सोमनाथ, सिरपुर, राजिम सव करत हे तोर गुणगान।
महानदी तो कोख ले ओगरिस, महासमुंद तनधारी
बिजली कोईला कोरवा उगलिस लोहा ढारे भिलाई।
वैलाडीला के वाढिस महात्तम, करिस विदेशी कमाई।
धान तो उपजातेच हस तै, सबके स जेवन थारी
विद्या बुद्धि गजव बढ़ाईन, माखन कवि गोपाल।
भानु कवि, लोचन पांडे अउ पांडे श्री सुखलाल।
सरस्वती के पुत्र कहाईन, जस पाईन बढ़ भारी
शर्मा सुंदर लाल इंहे के, ठाकुर प्यारे लाल।
छेदिलाल वैलिस्टर, मेघावाले रमादयाल।
बाबू छोटेलाल जनम के, खपगे पारी पारी