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छाँव सेंकते खान / सौरभ
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छाँव सेंकते खान
बैठे हैं अच्छे दिनों की धूप
के इन्तज़ार में
कभी धूप भी सेंकते थे खान
जब सुखद दिनों की बर्फ़
धूप को कर देती थी गुनगुना
तब नहीं भागते थे खान बसों कारों के पीछे
अपना बिल्ला पर्यटकों को दिखाते
आज बोझा ढोते खान
पसीने से लथपथ
बर्फ़ के मौसम में भी
छाँव सेंकते हैं
दूरदर्शन पर भारत प्रधानमंत्री और पाक राष्ट्रपति
एक साथ बैठे दिखते हैं
साथ-साथ खाना खाते हैं
साथ-साथ संगीत सुनते हैं
सोचते हैं खान
क्या कभी आयेगा वक्त
धूप सेंकने का।