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छाता / दिविक रमेश
Kavita Kosh से
सड़क!
हो जाओ न थोड़ी ऊंची
बस मेरे नन्हें कद से थोड़ी ऊंची।
मैं आराम से निकल जाऊंगा तब
तुम्हारे नीचे-नीचे
घर से स्कूल तक।
न मुझे धूप लगेगी, न बारिश।
हमारे घर में
नहीं है न छाता, सड़क!