छुटकारा / अदनान कफ़ील दरवेश
एक दिलफ़रेब ख़ाब था
या कोई और दुनिया का मख़्सूस वक़्फ़ा
बताना मुश्किल है…
लेकिन उससे भी मुश्किल ये है
कि जब आँख खुली
मैं मेज़ पर रखे रान की तरह पड़ा था
और मेरे गिर्दो-पेश
एक चार सौ साल पुरानी
तारीकी थी
जिसमें मैं
सिक्के की तरह खनकता था
मुझे रुई के गोले में बदलकर
एक टिन के बक्स में
हिफ़ाज़त से रखा गया
किसी का जख़्म साफ़ करने के लिए
मुझे आबनूस की लकड़ी के फ्रेम में
आईना बनाकर
जड़ दिया गया
और शहर की फ़सील पर
लटकाया गया
मैं सैकड़ों साल तक मनों धूल खाता
और पानी पीता रहा
मेरी लकड़ी को मुलायम समझ
ख़ून और वीर्य पोंछे गए
जिनके निशान
आबनूस में ग़ायब हो जाते…
मैंने अंग के मैदान से
उठते शोर को
गहराई से महसूस किया
जब मेरा शीशा
चटख़ गया
और मैं
अपने आबनूस से
लगभग आज़ाद हो गया…
लेकिन सवाल था
अभी मेरे पास सिर्फ़ दो हाथ और आधा धड़ थे
मेरे पैर अभी भी क़िले के अन्दरूनी हिस्से में दफ़्न थे
मुझे उन्हें पाने के लिए
अपनी ज़ुबान का सौदा करना पड़ा
मुझे एक दरख़्त की ठण्डी छाँव में ले जाया गया
जब मैं अपनी तलवार खो चुका था
अपनी ज़ुबान गिरवी रख चुका था
अपनी क़लम तोड़ चुका था
मुझे एक हैबतनाक वाक़ये का किरदार बनाया गया
मुझे नई ज़ुबान पहनाई गई
मुझे एक नई तलवार दी गई
मुझे एक सफ़ेद घोड़े पर
यूँ महाज़ पर रवाना कर दिया गया
जैसे इसी दिन के लिए में पैदा हुआ था
जैसे यही मेरा ख़ाब था
यही मेरा किरदार
मैंने लगाम खाँची और मेरे हाथ उखड़ गए
मैंने सदाएँ देनी चाहीं और मेरी जबान खो गई
मैं घोड़े से उतर गया
और उसके खुरों से
नाल निकाल कर
उसे आजाद कर दिया
और मैं अपने हाथ
और ज़बान के इन्तज़ार में
रस्ते के किनारे
वहीं लेट गया
और जब मेरी आँख खुली
मैं मेज़ पर रखे रान की तरह पड़ा था
मैंने इस तरह ख़ाब और जिस्म
दोनों से छुटकारा किया ।