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छुट्टी है भाई छुट्टी है / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
छुट्टी है भाई छुट्टी है।
पढ़ने से अब छुट्टी है॥
खेंगे हम खूब।
पतंग उड़ायेंगे।
चिड़ियों के संग फुदकेंगे,
कोयल के संग गायेंगे।
शरबत मीठा पीयेंगे
आइसक्रीम उड़ायेंगे,
मम्मी पापा के संग अब तो,
दूर घूमने जायेंगे॥
देखेंगे कैसा है भारत,
कैसे पर्वत नदियाँ हैं
कैसे कैसे फूल कहाँ के,
इनकी कैसी दुनियाँ है।
अब न पढ़ेंगे ये दो महिने,
एक वर्ष में आये हैं।
छुट्टी है भाई छुट्टी,
छुट्टी करके आये हैं॥