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जंगल / शचीन्द्र आर्य
Kavita Kosh से
जो घास में लेमन ग्रास और चिड़िया में कौए, गिलहरी को जानते हैं,
उनके लिए जंगल का मतलब
छत, आँगन और तीसरी मंज़िल की बालकनी में
हाथ भर की दूरी पर रखे गमले में लगी तुलसी, मिर्च और करेले की बेल है।
वह कभी नहीं समझ पाएंगे, लोग जंगल क्यों नहीं छोड़ना चाहते।