भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जरमन ने गोला मार्या / हरियाणवी
Kavita Kosh से
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जरमन ने गोला मार्या
जा फूट्या अम्बर में
गारद में सिपाही भाजे
रोटी छोड़ गए लंगर में
उन बीरां का के जीणा
जिन के बालम छः नम्बर में