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जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर नंदरानी / मगही

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मगही लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बधैया

जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर<ref>लहलहाता हुआ; हरा भरा</ref> नंदरानी।
देवोकी<ref>देवकी, वसुदेव की पत्नी</ref> तोहर भाग बड़ा लहबर हे रानी॥1॥
काहाँ जलमलन<ref>जन्म</ref> हे जदुनन्नन, काहाँ बाजत हे बधावा नंदरानी।
देवोकी घर में जलमलन जदुनन्नन, गोकुला में बाजत बधावा नंदरानी॥2॥
काहे के छूरी से नार छिलायल,<ref>छीला गया, काटा गया</ref> काहे के खपर<ref>झारी सदृश बरतन, खप्पर</ref> नेहलायल नंदरानी।
सोने के छूरी से नार छिलायल, रूपे के खपर नेहलायल नंदरानी॥3॥
काहे के उजे<ref>वह जो</ref> अँगिया<ref>चुश्त कुरता</ref> टोपिया, केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी।
रेसमी के उजे अँगिया टोपिया, केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी।
रेसमी के उजे अँगिया टोपिया, अपन लाला के पहिरायब नंदरानी॥4॥
केरे<ref>कौन</ref> लुटवथि अन, धन, लछमी, केरे लुटावथि मोती नंदरानी।
नंद लुटावथि अन, धन, लछमी, जसोदा लुटावथि मोती नंदरानी॥5॥
अइसन<ref>ऐसा</ref> जलम लिहल जदुनन्नन, घर बाजे बधावा नंदरानी॥6॥

शब्दार्थ
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