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जा साजन या तेरी जवानी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जा साजन या तेरी जवानी
पूंजी मां धरती की
रही भुजा फड़क मेरी बी
तन्नै बिदा करती की