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जागो गुड़िया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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जागो गुड़िया जागो गुड़िया
खोलो अपनी आँखें गुड़िया
उठकर मंजन करना है
फिर नाश्ता भी करना है
देखो सूरज दादा आये
चमकीली किरणों को लाये
हुआ सवेरा जागो गुड़िया
गुड्डा जगा हुआ है गुड़िया
नहीं जागेगी तो मैं तुमको
यही छोड़ जाऊँगी गुड़िया
जागा रही है कब से बिटिया
अब तक सोई पड़ी घई गुड़िया