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जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी
जीजा बोलदा कोन्या
कहो तो जीजा तेरा हैट बण जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
पठ्यां के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी
जीजा बोलदा कोन्या
कहो तो जीजा तेरा चसमा बण जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
नैणा कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी
जीजा बोलदा कोन्या
कहो तो जीजा तेरा बिसतर बण जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
तकिये कै अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी
जीजा बोलदा कोन्या
कहो तो जीजा तेरी घड़ी बण जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
चेन के अन्दर अन्दर सारी रम जाऊं
जीजा बोलदा कोन्या
जीजे कै सिरहाणे साली कद की खड़ी
जीजा बोलदा कोन्या