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जीवन-2 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
Kavita Kosh से
12.
तोरे ई भूल
तोरा कनैतौं देखोॅ
बनी केॅ शूल।
13.
फूलै छै दम
मदद करै वाला
मिलै छै कम।
14.
सूनै छै दर्द
धरती पर देखोॅ
कोइये मर्द।
15.
जीवन यात्रा
सुख-दुख के छेकै
अजबै मात्रा।
16.
यहै जिनगी
मिली-जुली केॅ चेलोॅ
करोॅ बन्दगी।
17.
कैसनोॅ सोच
करमोॅ के छोड़ी केॅ
भागोॅ पै खोंच।
18.
सफर लम्बा
करोॅ नै लेन-देन
टूटतौं खंभा।
19.
के हमदम
जीवन सफर के
साथी छै कम।
20.
करोॅ इशारा
जीयै के सचमुच
छेकै सहारा।
21.
जत्तेॅ जे बोलै
पथरें की कहियो
मुँह रे खोलै।
22.
मन बेचारा
बादले रंग उड़ै
छेकै आवारा।