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जुग-संदर्भ / सांवर दइया
Kavita Kosh से
अबै आदमी हुवणो पाप है
आदमी हुवण सूं चोखो
कै आदमी कुत्तो बण जावै
तीन गुणां आळो कुत्तो
जिको-
भुस्सै
या काट खावै
या पछै
पूंछड़ी हिलावै !