भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जे रहना से खुलासा कहना / मीरा झा
Kavita Kosh से
जे रहना से खुलासा कहना।
लल्लो चप्पो बात नै करोॅ
हमरा तोरा सें छै कहना... जे रहना...
पेटोॅ में गोती केॅ बात नै राखोॅ
एक दोसरा पेॅ साख तों राखोॅ
नै छै दुष्टपनी इ करना... जे रहना...
तोंय अपना केॅ होशियार बुझै छोॅ
सामना बला केॅ बुड़बक
की छौं मोॅन में से चेहरा पर
झलकॅे जो ऐना... जे रहना...
दुनियाँ में कोय बुड़बक ै छै
जनमल बच्चा वहूँ जानै छै
वै पर तोंय ठक्कै लेॅ लागल्हेॅ
ई होशियारी केहना... जे रहना...
आगू के जनमल गोड़ लागेॅ देॅ
बड़का छोटका कुछ नै बूझेॅ
लाज लेहाज तखा पेॅ धेॅ केॅ
काम करै छोॅ घिनौना-
जे रहना से खुलासा कहना...