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जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ / अनिरुद्ध सिन्हा
Kavita Kosh से
जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ
उसका यूँ दिल तोड़ना अच्छा हुआ
डर यही था वो न सच ही बोल दे
आइने का टूटना अच्छा हुआ
किस क़दर रंगीं हुई ये ज़िन्दगी
आपसे मिलना मेरा अच्छा हुआ
रात भर उनके खयाल आते रहे
रात भर का जागना अच्छा हुआ
बात जो भी थी समझ में आ गई
आपने खुलकर कहा अच्छा हुआ