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झगड़ा डालो रे कन्हैया / अंगिका लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज गोकुल में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज हो हो हो

भूख लगे तो प्रभु हमसे कहियो हो
पूरी और जलेबी मेरे कमरे में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज गोकुल में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज गोकुल में

प्यास लगे तो प्रभु हमसे कहियो हो
खोली देबै बछड़ा दुल्हैबै धेनु गाय
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज गोकुल में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज हो हो हो

नींद लगे तो प्रभु हमसे कहियो हो
तोसक गलीचा मेरे कमरे में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज गोकुल में
झगड़ा डालो रे कन्हैया ब्रज हो हो हो