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झाड़ी / उदय प्रकाश
Kavita Kosh से
इसी बग़ीचे में किसी पेड़ के पीछे
छुपा बैठा होगा
थानू
मैं पुकारता हूँ
बीस साल की दूरी से
...था ... नू...
उस पेड़ के पीछे झड़ियों के बीच
फँस कर अटका होगा समय
वहाँ अभी तक
थानू छिपा होगा
थानू और मृत्यु के बीच
अभी भी ज़रूर
एक दूरी होगी ।