झिही-झिही झिमिया झमाझम पानी / अमलेन्दु अस्थाना
झिही-झिही झिमिया झमाझम पानी,
मिला गइले हो, राधा के किशन से मिला गइले हो,
झिही-झिही झिमिया झमाझम पानी,
मिला गइले हो, राधा के किशन से मिला गइले हो,
बंसी बजैया, कदम के रे छइयां
बंसी बजा के रिझा गइले हो, मिला गइले,
राधा के किशन से मिला गइले,
कारे-कारे मेघवा रह-रह के चमके
कारे, कारे, कारे, कारे, कारे, कारे,
कारे-कारे मेघवा रह-रह के चमके,
बरस ए बरखा झमाझम जमके,
खेतवा-किसनवा जुड़ा गइले हो, मिला गइले,
राधा के किशन से मिला गइले,
कारे-कारे बदरा घिर-घिर के आवे
कारे, कारे, कारे, कारे, कारे, कारे
कारे-कारे बदरा घिर-घिर के आवे,
नइकी बहुरिया के जिया तरसावे,
रुनझुन पैजनिया, रुनझुन पैजनिया झनका गइले हो,
मिला गइले, राधा के किशन से मिला गइले,
झही-झिही झिमिया झमाझम पानी,
मिला गइले हो, राधा के किशन से मिला गइले॥